डर या लालच
आज हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि आज कल लोगों के अंदर या तो डर है या फिर कुछ भी पाने की लालच । ये दोनों बातें लगभग सभी के जीवन से जुड़ी हुई है । इसके बारे में विस्तार से बात करने से पहले आइये हम दो डायलॉग पढ़ते हैं।
1. बिटिया अगर आपके exam में अच्छे नंबर आ गए तो आपको mobile फ़ोन या जो तुम कहोगी वो मिल जायेगा।
2. बेटा अगर exam में अच्छे नंबर नहीं आये तो यहाँ से नाम कटवाकर हॉस्टल में भेज देंगें वहीं पढ़ना या फिर रिक्शा चलाना ।
आपने पढ़ा की एक डायलॉग में डर है और दूसरे में लालच ।
ये हम अपने बच्चों को ही नहीं कहते और न ही सिर्फ़ पढ़ाई के क्षेत्र में है बल्कि हर एक क्षेत्र में है ,चाहे ऑफिस हो या घर,पैसा हो या परिवार ,समाज हो या सियासत,टीवी पे कोई ऐड हो या मॉल में शॉपिंग करना।चारों तरफ या तो डर है या मुफ्त में पाने की लालच और इसी की बदौलत कुछ शातिर लोग हमारी मानसिकता का फायदा उठा कर मालामल होते हैं और कुछ भोले-भाले लोग इनका शिकार।
आखिर ऐसा क्यों होता है?क्योंकि आजकल सभी लोग अपनी भौतिक सुविधाओं को पूरा करने के लिए पैसा कमाने की चाह रखते हैं,जिसके तहत वे लोग इसका फायदा उठाते हैं।
वैसे कुछ डर या लालच अच्छे भी होते हैं जैसे कोई कहे की यदि हेलमेट नहीं पहन के गाड़ी चलाओगे तो accident में गहरी चोट लग सकती है या कोई नेता जी आके कहे की इस बार वोट हमें दोगे तो सड़कें, विजली और पानी की अच्छी सुविधा हो जाएगी तो यहाँ पर डर या लालच बेकार नहीं हैं । यानी कौन सा डर या लालच अच्छा है और कौन सा गलत ये आपके विवेक पर निर्भर करता है।
अंतिम में हम आपको इतना ही कहेंगे कि जीवन जीने के लिए डरना या लालच करना सही भी होता है और गलत भी । तो जो भी फैसला करें , सोच समझ कर करना चाहिए। जल्दबाज़ी में नहीं क्योंकि जल्दबाज़ी में फ़ैसले लेने से जो डर या लालच सही होगा वो हम नहीं ले पाएंगे जिसकी वजह से हमे नुकसान उठाना पड़ सकता है और जो डर या लालच का इस्तमाल अच्छी के लिए होता वो भी जल्दबाज़ी में नहीं हो पायेगा ।
इस लेख के माध्यम से हम बस यही बताना चाह रहे थे कि आजकल लोग एक दूसरे को सिर्फ डराकर या लालच देकर अपना काम निकालते हैं ,तो अपने विवेक का इस्तेमाल कीजिये और सही या गलत को समझ कर फ़ैसला कीजिये ताकि आपको अपनी life में कम से कम परेशानियों का सामना करना पड़े।
हमारे इस ब्लॉग mastinfomedia को सब्सक्राइब करें ताकि हम और भी इस तरह की बातें आप तक पहुँचा सके ।आपने इस लेख को पढ़ा, उसके लिए धन्यवाद और उम्मीद करता हूँ कि आपको इससे फ़ायदा मिलेगा।
आज हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि आज कल लोगों के अंदर या तो डर है या फिर कुछ भी पाने की लालच । ये दोनों बातें लगभग सभी के जीवन से जुड़ी हुई है । इसके बारे में विस्तार से बात करने से पहले आइये हम दो डायलॉग पढ़ते हैं।
1. बिटिया अगर आपके exam में अच्छे नंबर आ गए तो आपको mobile फ़ोन या जो तुम कहोगी वो मिल जायेगा।
2. बेटा अगर exam में अच्छे नंबर नहीं आये तो यहाँ से नाम कटवाकर हॉस्टल में भेज देंगें वहीं पढ़ना या फिर रिक्शा चलाना ।
आपने पढ़ा की एक डायलॉग में डर है और दूसरे में लालच ।
ये हम अपने बच्चों को ही नहीं कहते और न ही सिर्फ़ पढ़ाई के क्षेत्र में है बल्कि हर एक क्षेत्र में है ,चाहे ऑफिस हो या घर,पैसा हो या परिवार ,समाज हो या सियासत,टीवी पे कोई ऐड हो या मॉल में शॉपिंग करना।चारों तरफ या तो डर है या मुफ्त में पाने की लालच और इसी की बदौलत कुछ शातिर लोग हमारी मानसिकता का फायदा उठा कर मालामल होते हैं और कुछ भोले-भाले लोग इनका शिकार।
आखिर ऐसा क्यों होता है?क्योंकि आजकल सभी लोग अपनी भौतिक सुविधाओं को पूरा करने के लिए पैसा कमाने की चाह रखते हैं,जिसके तहत वे लोग इसका फायदा उठाते हैं।
वैसे कुछ डर या लालच अच्छे भी होते हैं जैसे कोई कहे की यदि हेलमेट नहीं पहन के गाड़ी चलाओगे तो accident में गहरी चोट लग सकती है या कोई नेता जी आके कहे की इस बार वोट हमें दोगे तो सड़कें, विजली और पानी की अच्छी सुविधा हो जाएगी तो यहाँ पर डर या लालच बेकार नहीं हैं । यानी कौन सा डर या लालच अच्छा है और कौन सा गलत ये आपके विवेक पर निर्भर करता है।
अंतिम में हम आपको इतना ही कहेंगे कि जीवन जीने के लिए डरना या लालच करना सही भी होता है और गलत भी । तो जो भी फैसला करें , सोच समझ कर करना चाहिए। जल्दबाज़ी में नहीं क्योंकि जल्दबाज़ी में फ़ैसले लेने से जो डर या लालच सही होगा वो हम नहीं ले पाएंगे जिसकी वजह से हमे नुकसान उठाना पड़ सकता है और जो डर या लालच का इस्तमाल अच्छी के लिए होता वो भी जल्दबाज़ी में नहीं हो पायेगा ।
इस लेख के माध्यम से हम बस यही बताना चाह रहे थे कि आजकल लोग एक दूसरे को सिर्फ डराकर या लालच देकर अपना काम निकालते हैं ,तो अपने विवेक का इस्तेमाल कीजिये और सही या गलत को समझ कर फ़ैसला कीजिये ताकि आपको अपनी life में कम से कम परेशानियों का सामना करना पड़े।
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